स्वयं के व्यय पर परीक्षा की अनुमति कैसे प्राप्त करें

Swayam ke vyay par pariksha ki anumati kaise prapt kare? शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारी अपनी शैक्षिक योग्यता को बढ़ने के लिए उच्च अध्धयन करना चाहते हैं. इसके लिए pariksha ki anumati किससे और कब प्राप्त करना जरूरी है. Pariksha ki anumati किस प्रारूप में लेनी चाहिए. Anumati आवेदन का format Hindi में.

परीक्षा की अनुमति के लिए निश्चित प्रारूप में आवेदन करना होगा

शासकीय लोकसेवकों को स्वयं के व्यय पर स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित होने की pariksha अनुमति बावत एक निश्चित प्रारूप पर अपने विभाग प्रमुख को आवेदन करना होता है.  विषयान्तर्गत लेख है कि शासकीय लोक सेवकों द्वारा स्वयं के व्यय पर स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होने की pariksha anumati प्रदाय हेतु वरिष्ठ कार्यालय से anumati जारी की जाती है. शाला दर्पण पर हमने मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों के लिए परीक्षा में स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में बैठने के लिए anumati प्राप्त करने वाले आवेदन पत्र का format हिंदी में दिया है. इस से आपको सहायता मिल सकती है.

अनुमति है जरुरी शासकीय सेवकों को

कहीं कहीं अनुमति प्राप्त करने ki जगह अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने शब्दों का prayog भी किया जाता है. इसमें कंफ्यूज होने की जरुरत नहीं है. अनुमति लेने का अर्थ है कि आपको विभाग से इसके लिए परमिशन मिल गई है और अब आपके विभाग को इससे कोई आपत्ति नहीं है.

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शासकीय लोकसेवकों को स्वयं के व्यय पर स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित होने की pariksha अनुमति बावत एक निश्चित प्रारूप पर अपने विभाग प्रमुख को आवेदन करना होता है.  विषयान्तर्गत लेख है कि शासकीय लोक सेवकों द्वारा स्वयं के व्यय पर स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होने की pariksha anumati प्रदाय हेतु वरिष्ठ कार्यालय से anumati जारी की जाती है.

गौरतलब है कि सरकारी नौकरी करते हुए कोई कर्मचारी अगर अपने शैक्षिक योग्यताओ को बढ़ाना चाहता है तो विभाग उसे इसकी सुविधा प्रदान करता है. लेकिन इसकी एक विधिवत प्रक्रिया होती है जिसका पालन करना नेवारी है तभी उसे इसका समुचित लाभ मिल पायेगा. उदहारण के लिए अगर किसी ने बी ए किया है और उसकी नौकरी लग गई है अब वह एम ए करना चाहता है to विभाग से anumati लेना आवश्यक होता है. B. A. Qualified government employee प्राइवेट student के रूप में एम ए ki pariksha दे सकता है. क्या होगा अगर वह विभाग से anumati न ले तो. सरकारी नौकरी में आने के बाद बहुत सी चीजों के लिए सशर्त anumati प्रदान की जाती है. सशर्त से मतलब यह है कि आप कुछ निश्चित कोर्सों के लिए ही anumati प्राप्त कर सकते हैं. जिससे आपकी नौकरी और ड्यूटी प्रभावित न होने पाए. बिना अनुमति के यदि आप pariksha में बैठेंगे तो आप पूरा फायदा नहीं उठा पाएंगे. Varshik pariksha 2021 में बैठने के लिए समय पर आवेदन करना होगा.

कौन सा प्रारूप सही है pariksha में बैठने के लिए

सामान्यतः वरिष्ठ कार्यालय में इसका प्रारूप मिल जाता है. इसे आप टाइप करके या अपनी अच्छी हैण्ड राइटिंग में कुछ निश्चित दतावेजों के साथ ऑफलाइन जमा कर सकते हैं. Offline अगर आपने इनके साथ जरुरी documents जमा नहीं किये तो आपका आवेदन अपूर्ण माना जायेगा. हो सकता है अधूरे आवेदन के कारण आप को pariksha में बैठने ki permission न मिल पाए.

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अनुमति प्राप्त करने के आवेदन पर किसके हस्ताक्षर होना चाहिए

सीधी सी बात है सरकारी कर्मचारी जो आवेदक है उसके हस्ताक्षर आवेदक या प्रार्थी के स्थान पर होना है. इसके साथ ही आपके वेतन केंद्र जैसे संकुल कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर होना जरूरी है. पूरी तरह भरे हुए आवेदन को विधिवत रूप से अग्रिम कार्यालय हेतु उससे भी वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किया जाता है. वहां पर वो आवेदनों के परीक्षण के उपरांत pariksha के लिए anumati जारी करते हैं.

ऊपर हमने मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के लिए अपनी शैक्षिक योग्यता बढ़ने के लिए प्राइवेट स्टूडेंट के रूप में pariksha में बैठने के लिए परमिशन लेने से सम्बंधित था. आप राजस्थान शिक्षा विभाग के लिए anumati पत्र का नमूना पीडीऍफ़ फॉर्मेट में यहाँ देख सकते हैं-

सार्वजनिक परीक्षा में बैठने हेतु आवेदन पत्र पीडीऍफ़

अनुमति प्राप्त करने के लिए आवश्यक जानकरियां जो सरकारी कर्मचारी को भरना आवश्यक है.

शासकीय लोकसेवक का नाम

वर्तमान धारित पद

वर्तमान कार्यरत संस्था

वर्तमान योग्यता

प्रथम नियुक्ति दिनांक ( Date of Joining ) और सेवा अवधि 

पदोन्नति ( Promotion ) यदि हुई है तो पदोन्नति दिनांक

नियुक्ति के पश्चात् अभी तक परीक्षाओं ( examination ) का विवरण

अनुमति देने वाले कार्यालय का नाम

इस वर्ष किस परीक्षा (exam) में बैठना चाहते हैं-

pariksha का सत्र

एक बार से अधिक स्नातक ( graduation ) या स्नातकोत्तर ( post graduation ) किया हो तो विवरण दें.

यदि पूर्व में बिना अनुमति ( permission ) के pariksha में सम्मिलित हुए हों तो pariksha का विवरण दें और क्यों?

लोक सेवक द्वारा पढाये जाने वाले विषय ( subjects )

पूर्व में अनुमति मिली हो तो विवरण. ( छाया प्रति संलग्न करें )

विभागीय जांच चल रही हो तो विवरण दें.

गत वर्ष इस कार्यालय द्वारा दी गई anumati तथा किस परीक्षा हेतु?

परीक्षाफल- उत्तीर्ण / अनुत्रीर्ण - छाया प्रति ( photocopy ) संलग्न करें.


हस्ताक्षर लोकसेवक

लोकसेवक का नाम

पद-

कार्यरत संस्था.


संकुल केंद्र प्राचार्य के हस्ताक्षर पद मुद्रा सहित.

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि बी एड, डी एड और एम एड जैसे पाठ्यक्रम जो कि पूर्णकालिक होते हैं उन को नियमित रूप से किया जाता है. हमने इस पोस्ट में जो बात ki है वह सरकारी नौकरी करते हुए स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में pariksha में बैठने से सम्बंधित है. वैसे यह जानकारी उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो जानकारी के अभाव में अपनी अध्ययन की महत्वकांक्षा को पूर्ण नहीं कर पा रहे थे.

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर परीक्षा हेतु दिशा निर्देश

मध्य प्रदेश शिक्षक इस संबंध में जानकारी के लिए education portal पर अपलोड यह special आदेश देख सकते हैं. मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक एफ 07-44/1996/बीस-4 भोपाल, दिनांक 14 सितम्बर, 2011 जारी किया गया है.

Madhya Pradesh School Education Department के order में इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं. स्वयं के व्यय पर बी.एड. / बी.टी.सी. / डी.एड. करने का तात्पर्य यह होगा कि, शिक्षक के द्वारा अपने अर्जित अवकाश/ अर्द्ध वेतन अवकाश / असाधारण अवकाश आदि देय अवकाशों का नियमानुसार उपभोग कर अंशकालीन / दूरस्थ पद्धति या पत्राचार के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया गया हो.

यहां पर एक खास बात यह है कि किसी भी कोर्स को करने हेतु नियम अनुसार अनुमति हेतु प्रार्थना पत्र वरिष्ठ कार्यालय में प्रस्तुत किया गया हो. परीक्षा में सम्मिलित होने का आवेदन पत्र का प्रारूप हमने इसी पोस्ट में दिया हुआ है. अलग अलग प्रदेश में यह परीक्षा में सम्मिलित होने का आवेदन पत्र का प्रारूप अलग अलग हो सकता है.

आप उदाहरण के लिए परीक्षा अनुमति फार्म mp pdf देख सकते हैं और इससे समझ सकते हैं कि किन किन जानकारियो को भरना होगा.

कुछ लोग इस तरह के सवाल पूछ सकते हैं. मैंने UP board se higher secondary school certificate examination उत्तीर्ण किया है। अब मेरी गवर्नमेंट जॉब लग गई है. क्या मैं अब B. A. कर सकता हूं?

मैं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय IGNOU से B. Ed. कैसे कर सकता हूं?

क्या मैं बारहवीं कक्षा के तीन साल बाद बी. ए. कर सकता हूं?

इस प्रकार के सवालों के जवाब के लिए ज्यादा परेशान न हों. आप अपने वरिष्ठ कार्यालय से संपर्क करें. आपको सही जानकारी प्राप्त हो जाएगी.

MP government teacher B. Ed. course in Hindi

मध्यप्रदेश में बहुत से माध्यमिक शिक्षक और prayogshala sahayak shikshak बी. एड. का कोर्स करना चाहते हैं. सरकारी स्कूलों में कार्य करने वाले शासकीय शिक्षक  स्वयं के व्यय पर परीक्षा की अनुमति लेकर इसे कर सकते हैं. B. Ed. करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है. स्नातक उत्तीर्ण शिक्षक बी. एड. अर्थात शिक्षा में डिग्री का कोर्स कर सकते हैं. मध्यप्रदेश में कई विश्वविद्यालय बी.एड. करवाते हैं. अगर दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बैचलर ऑफ़ एजुकेशन करना चाहते हैं तो इंदिरा गाँधी राष्ट्रिय मुक्त विश्वविद्यालय और मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय एक बढ़िया विकल्प हैं. ये दोनों ओपन यूनिवर्सिटी हैं जिनका mode of learning काफी लचीला और students friendly है. विभाग से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत आप बी एड कर सकते हैं.

बी.एड. करने के इच्छुक कर्मचारियों को इसकी प्रवेश प्रक्रिया ( B ed admission process in MP ), आवेदन की अंतिम तिथि ( last date for submission of application form ) और प्रवेश परीक्षा की तारीख पर नजर रखना चाहिए.

IGNOU और भोज के अलावा महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ( MDU ), कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ( KU ), चौधरी रणवीर सिंह यूनिवर्सिटी ( CRSU ) भी विद्यार्थिओं के लिए बी. एड. करवाने वाली उम्दा यूनिवर्सिटी हैं.

अनुमति लेकर बी एड करने पर कौन से विषय पढने होते हैं

बी एड में सामान्यतः निम्नानुसार विषयों का अध्यापन कराया जाता है-
शिक्षा, संस्कृति और मानव मूल्य.
शैक्षिक मूल्याङ्कन और आकलन.
मार्गदर्शन और परामर्श.
शिक्षा मनोविज्ञान.
समग्र शिक्षा.
शिक्षा का दर्शन.

अलग-अलग विश्वविद्यालयों में इन विषयों में थोडा बहुत परिवर्तन हो सकता है. जो छात्र नियम और शर्तों को पूरा करते हैं केवल उन्हीं को इस कोर्स में प्रवेश मिलता है. सिर्फ अनुमति ले लेना भर काफी नहीं होता. साथ ही university द्वारा आयोजित प्रवेश परिक्षा अर्थात entrance test को उत्तीर्ण करना भी आवश्यक है. Entrance test में सर्वाधिक अंक प्राप्त अभ्यथियों को वरीयता दी जाती है. यानि सिलेक्शन का आधार मेरिट लिस्ट होता है. बी.एड. प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए आपकी पूर्व तैयारी फायदेमंद होती है. कुछ आसान से टिप्स आपको बी.एड. एंट्रेंस टेस्ट में success दिला सकते हैं.

परिवीक्षा काल में बी. एड. करने की अनुमति विषय में जानकारी हेतु ये पोस्ट आपके लिए मददगार हो सकती है.
Instructions about B. Ed. in probation period in Hindi.

एक स्वाध्यायी परीक्षार्थी को नियमित विद्यार्थियों की भांति रेगुलर कॉलेज जाना आवश्यक नहीं है. बहुत सारे लोग Private अध्ययन को प्राथमिकता देते हैं. विभाग से अनुमति लेकर आसानी से अपने आगे का अध्ययन पूर्ण कर सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों के हित से जुडी जानकारियां आप हमारे ब्लॉग पर साझा कर सकते हैं. शाला दर्पण पर आपका स्वागत है. स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश की नवीनतम जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहिये.

इस विषय में आप अपने सुझाव और सवाल हम तक नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में comments कर के पहुंचा सकते हैं.

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