Learning outcomes क्या होते हैं? mapping kese kare. सीखने के प्रतिफल जब हम बच्चों को कोई विषय पढ़ाते हैं तो बच्चे ने क्या सीखा उसका परिणाम या जो भी फल होता है उसे सीखने का प्रतिफल कहते हैं। हम कोई भी क्रियाकलाप करते हैं तो उसका कुछ ना कुछ परिणाम अवश्य निकलता है। हम बच्चे को कोई भी अवधारणा सब्जेक्ट पढ़ाते हैं तो उससे बच्चे जो कुछ भी सीखता है उसे हम लर्निंग आउटकम कहते हैं।
मध्य प्रदेश Education Portal पर इसकी नवीनतम जानकारी देख सकते हैं। सभी कक्षाओं के लर्निंग आउटकम्स। कक्षा तीसरी कक्षा पांचवी कक्षा आठवीं की लर्निंग आउटकम की जानकारी। गणित विज्ञान पर्यावरण सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी के लर्निंग आउटकम।
लर्निंग आउटकम्स पर काम करना outcome based education को प्रभावी करने के लिए आवश्यक है.
लर्निंग आउटकम की पीडीएफ फ़ाइल कैसे देखें?
Learning outcomes class 3rd, 5th and 8th. Sabhi कक्षाओं और विषयों के सीखने के प्रतिफल की पीडीएफ।
हमने यहां पर जय डेहरिया जी द्वारा तैयार LO mapping outcomes की पी डी एफ फाइल की लिंक नीचे दी है। आप के मोबाइल या computer पर इसे खोलने पर LO outcomes ki pdf मिल जायेगी।
PDF Linkवैसे यह बहुत अच्छी पीडीएफ फ़ाइल है। इसमें बहुत सुंदर जानकारी दी गई है। आप अपनी कक्षाओं के लिए learning objectives को चिन्हित कर सकते हैं.
इस पोस्ट में एन ए एस उपलब्धि सर्वे, मॉक टेस्ट की तारीख, NAS में प्रश्नों की प्रकृति आदि जानकारियां दी गई हैं। पूरी जानकारी के लिए पूरी पोस्ट पढ़ें।
सीखने का प्रतिफल एक उदाहरण
इसे हम एक सरल उदाहरण से समझते हैं। बच्चे को जब हम दीपावली का पाठ पढ़ाते हैं तो पाठ पढ़ाने के बाद बच्चा क्या क्या सीखेगा या वह लक्ष्य जो हम आशा करते हैं कि बच्चे को सीखना चाहिए उन्हें हम सीखने के प्रतिफल कह सकते हैं। दीपावली का पाठ पढ़ाने के बाद बच्चा दीपावली त्यौहार के बारे में सीखेगा। बच्चा अन्य त्योहारों के बारे में भी जानेगा।
दीपावली किस लिए मनाई जाती है दीपावली के त्यौहार के लिए क्या-क्या तैयारियां की जाती हैं यह सब बच्चा सीख सकता है। बच्चा इस पाठ में आने वाले विभिन्न शब्दों के पर्यायवाची शब्दों को भी सीखेगा सीखेगा। बच्चा विभिन्न पर्यायवाची शब्दों को जानेगा और उनका वाक्य में प्रयोग कर सकेगा। Teachers Handbook आपके लिए student learning outcomes examples ठीक से समझने मदद करती है। Outcomes mapping करने हेतु आपको एक code भरना होगा जिसे LO code याLos कोड कहते हैं।
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शाला स्तर पर सीखने के प्रतिफल का रिकॉर्ड संधिरित करने से आपको बच्चों के लिए learning objectives की पहचान करना सुगम हो जाता है और यह शिक्षक के लिए आगे की रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
LO (लर्निंग आउटकम) मैपिंग क्लास 3 and 5 Hindi, Maths and EVS
लर्निंग आउटकम्स मैपिंग प्रारूप
Learning outcomes की मैपिंग कैसे करें। सीखने की मैपिंग सीखने के प्रतिफल की विस्तार से जानकारी के लिए आप सब को जन शिक्षा केंद्र संकुल केंद्र अथवा जनपद शिक्षा केंद्र के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक पीडीएफ फाइल शेयर की गई है। आपने उस पीडीएफ फाइल को अवश्य ही देखा होगा। सबके साथ ही लर्निंग आउटकम टीचर हैंडबुक जो स्कूलों को मिली है इसमें उनके उदाहरण और उद्देश्य examples of learning objectives and learning outcomes दिए गए हैं. आप उन्हें अवश्य पढ़ें। उस PDF में सीखने के प्रतिफल की मैपिंग और उसका विद्यालय में रिकॉर्ड कैसे संधारित करें इसकी जानकारी और प्रारूप विस्तार से दिए गए हैं। Learning outcomes प्रारूप तैयार करने के लिए आपको पाठ्यपुस्तक की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही आपको लर्निंग आउटकम्स की टीचर हैंडबुक मिली है उनका भी सहारा लेना होगा।
लर्निंग आउटकम (LO) की मैपिंग कैसे करें उदाहरण सहित पूरी जानकार
LO Mapping क्या है?
एल ओ अर्थात learning outcomes मैपिंग सीखने के प्रतिफल और पाठ्यपुस्तक संकेतक की मैपिंग। कौन सा LO पाठ्यपुस्तक के किस पाठ और किस पृष्ठ पर अंकित है।
LO mapping में यह सब एक्सरसाइज करनी होगी।
शाला स्तर पर रखा जाने वाला प्रारूप
चलिए हम आपको बताते हैं कि शाला स्तर पर आप सीखने के प्रतिफलों का संधारण फाइल में अथवा रजिस्टर में कैसे कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक टेबल बनानी पड़ेगी। इस पूरे प्रपत्र में हेडिंग में सबसे पहले आपको सीखने के प्रतिफल पाठ्यपुस्तक संकेतक की मैपिंग हेतु प्रारूप लिखना है। इसके नीचे जन शिक्षा केंद्र का नाम सीआरसी का नाम आपका नाम अर्थात शिक्षक का नाम कक्षा विषय आदि जानकारियां देनी होगी और इसके नीचे इसका प्रारूप बनाया जाएगा जहां पर आपको एक चीज जानकारी भरना है।
LO mapping format information in Hindi
प्रारूप में कुल 5 खंड होंगे। उसमें सबसे पहले क्रमांक उसके बाद लर्निंग आउटकम कोड, तीसरे नंबर पर सीखने के प्रतिफल लिखना होगा। यहां पर आपको सीखने के प्रतिफल का विवरण देना है उसके बाद चौथे नंबर पर पाठ्यपुस्तक यानी टेस्ट बुक के पाठ का क्रमांक व पृष्ठ संख्या लिखना है। और अंत में सीखने का स्तर अर्थात हाई, लो अथवा एवरेज यहां पर आपको दर्ज करना है। Student learning का रिकॉर्ड और भविष्य की शैक्षिक रूपरेखा बनाने में यह बहुत ही प्रभावशाली tool है.
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सीखने के प्रतिफल के प्रतिफल के कोड क्या होते हैं?
लर्निंग आउटकम्स के कोड लर्निंग आउटकम की पीडीएफ फाइल में दिए गए हैं वैसे यह पीडीएफ फाइल इन रूप में विद्यालयों को भी उपलब्ध कराई जाएगी यहां पर प्रत्येक विषय और हर कक्षा के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित हैं जैसे कक्षा पहली की हिंदी का हिंदी विषय के लिए H101 और कक्षा एक की अंग्रेजी के लिए E102 इत्यादि कोड दिए हैं यह सब कोड सावधानी से भरना है। लर्निंग आउटकम्स जानकारी मॉड्यूल जो शिक्षकों को उपलब्ध कराया जाएगा उसमें सभी विषयों के कोड कक्षा पहली से आठवीं तक के दिए होंगे। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि संबंधित विषय के खंड में उसी विषय के प्रतिफल की प्रविष्ट की जाए। जैसे learning outcome 1 वाली लाइन में learning outcomes 1 से संबंधित जानकारी ही प्रविष्ट (entry ) की जाना है।
हर विषय के लिए अलग-अलग प्रतिफल
सीखने के प्रतिफल कई प्रकार के होते हैं। हर विषय के लिए Types of learning outcomes अलग-अलग होते हैं। Students के स्तर को देखते हुए अलग-अलग कक्षा के लिए अलग-अलग तरह के लर्निंग आउटकम निर्धारित किए जाते हैं। जैसे कक्षा पहली की हिंदी विषय के लिए शब्दों को पढ़ना, शब्दों को पहचानना इत्यादि लर्निंग आउटकम्स हो सकते हैं। तो पहली कक्षा के गणित विषय के लिए अंको को पहचानना, अंको को पढ़ना, अंको को जोड़ा जाना इत्यादि learning objectives से हो सकते हैं।
Class 3rd Subject Hindi Learning outcomes
तीसरी कक्षा के लिए लर्निंग आउटकम्स की सूची का एक नमूना इस image में दिया गया है।
यहां पर तीसरी कक्षा की हिंदी की किताब का नमूना दिया गया है। कक्षा 3 हिंदी पाठ्यपुस्तक में पहला पाठ प्रार्थना नाम से है तो इसके लिए एल ओ कोड एच 301 है। इसी तरह से दूसरे पाठकों के लिए भी अलग-अलग कोड दिए गए हैं यह सभी कोड H से शुरू होते हैं यहां पर एच का अर्थ हिंदी है।
H 305 code मैं पाठ 17 शमिल है। पाठ का नाम परिश्रम का फल है जो कि एक कहानी है। इसके लिए सीखने के प्रतिफल है बच्चे कहानी या कविता को समझते हुए उसमें अपनी बात जोड़ते हैं।
गणित का जादू कक्षा 5 लर्निंग आउटकम लिस्ट
5 वीं कक्षा की किताब गणित का जादू है कौन-कौन से पाठों से किससे मैपिंग की गई है इसकी सूची यहां पर दी गई है।
LO M 501: बड़ी संख्याओं पर कार्य। परिवेश में उपयोग की जाने वाली 1000 से बड़ी संख्या में को पढ़ते तथा लिखते हैं। 1000 से बड़ी संख्या ऊपर स्थानीय मान को समझते हुए चार मूल संक्रियाएं।
मानक एल्गोरिथम द्वारा एक संख्या से दूसरी संख्या का भाग देना। जोड़ घटाव गुणा तथा भागफल का अनुमान लगाना। विभिन्न तरीकों से प्रयोग कर उनकी पुष्टि करते हैं उदाहरण के लिए मानक एल्गोरिथ्म का प्रयोग कर किसी दी हुई संख्या को 1 संख्याओं के जोड़ तत्व के रूप में लिखकर संक्रिया का उपयोग करना सीखते हैं।
पाठ 1: मछली मछली पृष्ठ क्रमांक 01।
पाठ 13: गुणा और भाग के तरीके पृष्ठ क्रमांक 170।
LO M 502: भिन्न के बारे में समझ अर्जित करते हैं।
बच्चे समूह के हिस्से के लिए भिन्न संख्या बनाते हैं। एक दिए गए धन के समतुल्य भिन्न की पहचान कर सकते हैं तथा समतुल्य भिन्न बनाते हैं।
दिए गए भिन्नों 1/2, 1/4 तथा 1/5 को दशमलव भिन्न में तथा दशमलव भिन्न को भरने रूप में लिखते हैं।
जैसे लंबाई और मुद्रा की इकाइयों का उपयोग ₹10 का आधा ₹5 होगा।
भिन्न को दशमलव संख्या तथा दशमलव संख्या को भिन्न में लिखते हैं।
पाठ 4 हिस्से और पूरे पृष्ठ संख्या 50.
पाठ 10 दसवां और सौवां भाग पृष्ठ संख्या 134.
LO M 503: कौन हो तथा आकृतियों की अवधारणा की खोजबीन करते हैं।
कोणों को समकोण न्यून कोण अधिक कोण में वर्गीकृत करते हैं। कौन बना सकते हैं वह खाका खींच सकते हैं। अपने परिवेश में उन 2D आकृतियों को पहचानते हैं जिसमें घूर्णन तथा परावर्तन सममितता हो जैसे लक्षण तथा आकृति। घन बेलन शंकु बनाते हैं।
पाठ 2 आकृतियां और कौन पृष्ठ क्रमांक 16.
पाठ 5 क्या यह एक जैसा दिखता है पृष्ठ क्रमांक 71.
पाठ 8 नक्शा पृष्ठ क्रमांक 112.
हमने एक शाला दर्पण पर विभिन्न कक्षाओं के लर्निंग आउटकम्स अर्थात सीखने के प्रतिफल की जानकारी देने का प्रयास किया है। आपके लिए यह जानकारी कितनी उपयोगी लगी हमें कमेंट करके अवश्य बताएं। उपयोगी जानकारी होने पर इसे व्हाट्सएप ग्रुप में अवश्य शेयर करें।
LO M 504: सामान्यतः प्रयोग होने वाली लंबाई, भार, आयतन की बड़ी तरह छोटी इकाइयों में संबंध स्थापित करते हैं। बड़ी इकाइयों को छोटी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों को बड़ी इकाई में बदलते हैं।
पाठ 14 कितना बड़ा कितना भारी पृष्ठ क्रमांक 187.
LO M 506: पैसा, लंबाई, भार, आयतन तथा समय अंतराल से संबंधित प्रश्नों में चार मूल गणितीय संक्रियाओं का उपयोग करते हैं।
पाठ एक मछली मछली. पृष्ठ क्रमांक 01.
पाठ 13 गुणा और भाग के तरीके. पृष्ठ क्रमांक 170.
लर्निंग आउटकम LO M 503: त्रिभुज की संख्याओं तथा वर्ग संख्याओं के पैटर्न पहचानते हैं।
पाठ 7 क्या तुम्हें पैटर्न दिखा. पृष्ठ क्रमांक 99.
LO M 508: दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न आंकड़ो को एकत्र करते हैं तथा सारणी बद्ध कर सकते हैं एवं दंड आलेख खींचकर उनकी व्याख्या करते हैं।
पाठ 12 स्मार्ट चार्ट पृष्ठ क्रमांक 159.
कक्षा सातवीं गणित की पुस्तक में सीखने के प्रतिफल examples
समग्र शिक्षा मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की कक्षा 7 वीं की पुस्तक में शुरुआत में ही सीखने के प्रतिफल दिए गए हैं। इन्हें आप देख सकते हैं इसके लिए इनका एक फोटो नीचे दिया गया है।
सातवीं कक्षा की गणित की बुक में पहला अध्याय पूर्णांक का है। किताब देखेंगे तो पाठ में भूमिका के बाद पुनरावलोकन है। पुनरावलोकन में पिछली कक्षा में जो पढ़ाया है उसका संक्षिप्त रूप दिया गया है। इसके बाद आप देखेंगे तो इस पाठ में विभिन्न प्रकार की संक्रियाएं दी गई हैं जैसे पूर्णांकों का योग एवं व्यवकलन के गुण, क्रम विनिमय गुण इत्यादि। इस अध्याय में पूर्णांकों का गुणनफल और पूर्णांकों का विभाजन गणितीय क्रियाएं दी गई हैं। सब संक्रियाएं कक्षा सातवीं के बच्चों के लिए हैं। तो यहां पर हमें इसके सीखने के प्रतिफल के विषय में जानेंगे। सीखने का प्रतिफल का क्रमांक दिया है लर्निंग आउटकम्स नंबर M 701 दो पूर्णांकों का गुणनफल भाग करते हैं। यहां पर हम अपेक्षा करते हैं कि बच्चे दो पूर्णांकों का गुणनफल करना सीख जाएंगे। यही हमारा learning goal या लर्निंग आउटकम है।
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Learning outcomes कक्षाओं में किन विषयों का मूल्यांकन होगा?
NAS के लिए कक्षा 3 कक्षा 5 कक्षा आठ और कक्षा 10 में मूल्यांकन होगा। कक्षा 3 व 5 में हिंदी, गणित और पर्यावरण का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं कक्षा 8 में हिंदी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का मूल्यांकन होना है। और दसवीं कक्षा में हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों का मूल्यांकन किया जाना है।
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प्रश्नों की प्रकृति कैसी होगी/
इसमें प्रश्नों की प्रकृति कैसी होगी? NSS में प्रश्नों की प्रकृति उच्च स्तरीय क्षमताओं जैसे विश्लेषण, तार्किक चिंतन और अवधारणात्मक अस्पष्टता को जांचने वाली है।
N. A. S. mein madhyapradesh ki uplabdhi
सन 2014 से शुरू किए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में सन 2017 में मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर जिला प्रथम रहा था। वहीं सन 2017 में मध्य प्रदेश का स्थान 17 वां था।
एन ए एस के प्रथम आयोजन सन 2014 में मध्य प्रदेश का स्थान 24वाँ था।
2 टिप्पणियाँ
Very nice...👍👍
जवाब देंहटाएंThank you Sir. 🙏🙏
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