छात्र उपस्थिति रजिस्टर क्या है, और इसे अपडेट कैसे करें

Student’s attendance registers अर्थात छात्र उपस्थिति रजिस्टर प्रत्येक विद्यालय का एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य अभिलेख है. हर स्कूल में इसे कक्षावार तैयार एवं संधारित किया जाता है. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिस को नियमित रूप से प्रतिदिन अपडेट करना आवश्यक है. सभी शालाएं चाहे वो CBSE, MP Board, UP बोर्ड हों या फिर नवोदय/केन्द्रीय विद्यालय सब को बच्चों की punctuality को track करने की जरुरत होती है. अर्थात इस महत्वपूर्ण पंजी का महत्त्व सभी जगह है.

बच्चों की रोज की उपस्थिति इसमें दर्ज (update) की जाती है और माह के अंत में शाला के प्रभारी द्वारा इसे जांचने के बाद प्रमाणित भी किया जाता है. इसे बच्चों का हाजिरी रजिस्टर, attendance sheet और अटेंडेंस रजिस्टर के नाम से भी जाना जाता है. यह रजिस्टर एक तथ्यात्मक अभिलेख है और इसमें काटा-पीटी और ओवर राइटिंग नहीं होनी चाहिए. इस महत्वपूर्ण पंजी को अपडेट कैसे करें इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पोस्ट में हम कुछ जरूरी बिन्दुओं के विषय में सविस्तार चर्चा करने वाले हैं.

विद्यार्थी उपस्थिति पंजी या छात्र उपस्थिति register क्या है

इस आर्टिकल में छात्र उपस्थिति पंजी को अपडेट कैसे करें इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है.

Learn What is student attendance register

Before describing the uses of students attendance register it’s useful to know what do we mean by “Attendance register” and why is it had been using.

लगभग हर बड़े कार्यालय में कर्मचारियों की दैनिक अटेंडेंस को दर्ज किया जाता है. अब कुछ दिनों से यह काम online होने लगा है लेकिन अभी भी इससे सम्बन्धित प्रविष्टियां offline रजिस्टर या प्रपत्र के रूप में मेंटेन की जाती हैं इसलिए यह एक बहुत खास जानकारी है जिसे सभी को जानना आवश्यक है.

कक्षा में शिक्षक प्रतिदिन बच्चों की हाजिरी लेते हैं. छात्र उपस्थिति रजिस्टर प्रत्येक स्कूल का एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य अभिलेख है. हर स्कूल में इसे कक्षावार तैयार एवं संधारित किया जाता है. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिस को नियमित रूप से प्रतिदिन अपडेट करना आवश्यक है. सभी शालाएं चाहे वो CBSE, MP Board, UP बोर्ड हों या फिर नवोदय/केन्द्रीय विद्यालय सब को बच्चों की punctuality को track करने की जरुरत होती है.

Attendance Register is an important record ad it is maintain in all organizations like factories, workshops, schools and colleges etc. It is a tool to record the regualarity of a student, teacher or employee on a day to day basis. It is used for payroll salary purposes except for students.

Teachers, college administrators, school head masters and SME business owners need to keep records of employee attendance in detail and in daily basis.

Types of attendance register

There are several ttypes of attendance registers like employee attendance registers, student attendance register and time sheet register. We are talking about attendance register for student’s attendance in a school.

सभी स्कूलों में बच्चों की नियमितता का record संधारित करने के लिए विद्यार्थी उपस्थिति पंजी का संधारण किया जाता है. यह बच्चों की present, absent और leaves की tracking करने में helpful होता है.

बच्चों की punctuality को track और enhance करने के लिए यह एक ग्रेट टूल है.

कितने प्रकार के उपस्थिति रजिस्टर

सत्र के प्रारंभ में नवीन प्रवेशांक सहित विद्यार्थियों के नाम प्रारंभ में प्रवेश तिथि के क्रम में निरंतर रूप से लिखे जाएं तथा प्रवेश कार्य समाप्ति पश्चात इन्हें सुविधानुसार वर्णमाला क्रम में व्यवस्थित किए कर सकते हैं l

बच्चों की हाजिरी के लिए मार्केट में printed registers मिलते हैं. अगर आप चाहें तो आपको excel sheet में भी yearly student attendance sheet भी मिल जाएगी.

सामान्य रजिस्टरों से अलग यह एक पहले से कुछ कालम छपा हुआ रजिस्टर होता है लेकिन इसका importance इसे विशिष्ट बनाता है. वैसे बेसिक रूप से देखा जाये तो इस रजिस्टर में बच्चों के नाम के कालम के साथ तारीख के कालम छपे हुए होते हैं जिनमें बच्चों की उपस्थिति, अनुपस्थिति या अवकाश को दर्ज करते हैं. सामान्यत हम इसे Present, absent या leave को भरने के रूप में समझते हैं. थोडा और अधिक व्यापक रूप में जब इसे देखते हैं तो इसमें हाजिरी वाले पेजों के पहले कुछ दूसरे पेज भी होते हैं जहाँ छात्र और छात्राओं के माता और पिता, जन्मतिथि, निवास स्थान का पता, समग्र आई डी, आधार number इत्यादि के कालम होते हैं जिन्हें भी भर कर रखना होता है.

बच्चों की जानकारियां उनके प्रवेश के समय ही स्कॉलर पंजी के साथ साथ इस पंजी में भी अपडेट करना है. इसका कोई विशेष नियम नहीं है लेकिन ऐसा करना एक कक्षा शिक्षक के लिए बहुत लाभदायक होता है.

उपस्थिति रजिस्टर का प्रभारी कौन होता है

हर कक्षा का कक्षा शिक्षक उस क्लास के उपस्थिति रजिस्टर का प्रभारी होता है. उसे maintain करने की जवाबदेही उसी की होती है.

स्टूडेंट्स के हाजिरी रजिस्टर को कब कब भरा जाता है?

छात्र छात्राओं के शाला में या कक्षा में प्रवेश के समय ही स्कालर पंजी में entry के उपरांत सबसे पहले हाजिरी रजिस्टर में उसका नाम लिखा जाता है. यहाँ उसका प्रवेश पंजी क्रमांक भी दर्ज किया जाता है. इसके बाद प्रतिदिन जब जब विद्यालय में कक्षाएं लगती हैं इसे भरा जाता है. अगर किसी दिन अवकाश होता है उस दिन उपस्थिति रजिस्टर में उस दिन के कालम में अवकाश को लिखा जाता है. सामान्यतः इसे लाल स्याही (Red ink) से लिखा जाता है ताकि ये अलग ही दिखाई दे.

यह सब क्लास-टीचर को पूरी punctuality से अपडेट करना है.

माह के आखिर में पूरे महीने की अटेंडेंस को जोड़ कर लिखा जाता है. यह काम भी क्लास टीचर ही करता है.

उपस्थिति वाले रजिस्टर में किस रंग की स्याही का प्रयोग करते हैं?

इस रजिस्टर में नीली स्याही से ही अधिकांश काम किया जाता है. स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति और छुट्टी को लाल रंग की स्याही वाले पेन से लिखते हैं.

एक स्कूल में छात्रों के लिए कितने उपस्थिति रजिस्टर होना चाहिए?

यह छात्र छात्राओं की संख्या पर और सेक्शन पर निर्भर करता है. वैसे तो हर कक्षा के लिए एक रजिस्टर होना चाहिए. अगर किसी कक्षा में बच्चों की अधिक संख्या है तो वहां पर एक से अधिक सेक्शन होने पर हर section के लिए अलग अलग रजिस्टर होना चाहिए.

क्या इसका कोई निर्धारित प्रारूप होता है.

सरकारी और प्राइवेट शालाओं के लिए मार्केट में कई तरह के उपस्थिति register मिलते हैं. कुछ में कुछ चीजें ज्यादा दी होती हैं. आपकी जरुरत के हिसाब से कोई भी register ले सकते हैं. सामान्यतः मार्केट में शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप के register ही मिलते हैं.

अगर आपको ज्यादा advance attendance register चाहिए तो कई दुकानों पर तलाश सकते हैं. उनमें से जो आपको अधिक उपयोगी लगे वो वाला क्रय(purchage) कर सकते हैं.

छात्र उपस्थिति रजिस्टर भरने के नियम कौन कौन से हैं?

सभी शालाओं द्वारा एक निर्धारित मानक का प्रयोग किया जाता है. इसके लिए समय समय पर विभिन्न शिक्षा बोर्ड्स circulars भी जारी करते हैं. वैसे इसके लिए सबसे बढ़िया तरीका अपने वरिष्ठों द्वारा किये जा रहे rules को follow करना है.

छात्र उपस्थिति रजिस्टर को कैसे maintain करते हैं?

सामान्यतः सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में निम्नानुसार नियमों के तहत इस रजिस्टर को मेन्टेन किया जाता है. यहाँ हमने 22 टिप्स बताये हैं जो लगबग हर स्कूल में फॉलो किये जाते हैं.

  1. प्रत्येक school में हर कक्षा या खण्ड (section) का पृथक उपस्थिति रजिस्टर होना चाहिये. इनमे पर्याप्त पृष्ठ होने चाहिए, जो कि एक सत्र तक चल सकें. अगर आपकी कक्षा में students की संख्या अधिक है तो अधिक पेजों वाला attendance register लेना चाहिए.
  2. प्रत्येक सत्र के अंत मे समस्त कक्षाओं के छात्र उपस्थिति रजिस्टर अभिलेख संधारण हेतु एक जिल्द में सम्मिलित बांधे जाने चाहिए और उनके ऊपर उस सत्र एवं क्लास को स्पष्ट रूप से मार्कर पेन से लिखना चाहिए.
  3. सत्र के प्रारंभ में नवीन प्रवेशांक सहित विद्यार्थियों के नाम प्रारंभ में प्रवेश तिथि के क्रम में निरंतर रूप से लिखे जाएं तथा प्रवेश कार्य समाप्ति पश्चात इन्हें सुविधानुसार वर्णमाला क्रम में व्यवस्थित किए कर सकते हैं . यहाँ यह ध्यान में रखने योग्य बात है जब हर साल पुराने बच्चों के नाम नए register में लिखे जाते हैं तो विद्यार्थियों के डाटा का मिलान स्कॉलर रजिस्टर से अवश्य कर लिया जाए क्योंकि साल में कई बार बच्चों की विविध प्रकार की जानकारियां भरी जाती हैं और हर बार हम स्कॉलर रजिस्टर नहीं देखते हैं इसलिए दोनों रजिस्टरों में जानकारी एक समान होनी चाहिए. यदि किसी बच्चे की किसी भी जानकारी में कोई change होता है तो उसे भी प्राथमिकता से तुरंत अपडेट करें.
  4. प्रत्येक कक्षा के class teacher द्वारा छात्र उपस्तिथि रजिस्टर में दो बार छात्रों की उपस्थिति प्रथम कालांश (period) आरंभ होने के प्रथम पांच मिनट में नियमित रूप से ली जानी चाहिए. यदि संबंधित कक्षा का प्रभारी शिक्षक अवकाश पर है तो कोई दूसरा शिक्षक हाजिरी रजिस्टर को अपडेट करे.
  5. शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में छात्र उपस्थिति रजिस्टर का प्रारूप निर्धारित है व इसी प्रारूप को काम मे लेना चाहिए। Market में से ऐसे students attendance register लेना चाहिए जो आपके लिए काम के हों.
  6. छात्र उपस्थिति प्रत्येक शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ से ही संधारित की जाएगी . कक्षा में गत सत्र में अनुत्तीर्ण रहे तथा पूरक परीक्षा योग्य छात्रों के नाम लिखने के पश्चात पिछली कक्षा में अनुतीर्ण छात्रों के नाम लिखे जाएं, इसके बाद नवीन छात्रों के नाम लिख सकते हैं. बहुत से schools में जातिवार वर्गवार बच्चों के नाम लिखे जाते हैं और पहले बालिकाओं के नाम उसके बाद बालकों के नाम लिखे जाते हैं ऐसा शिक्षक अपनी सुविधा के लिए करते हैं.
  7. हर महीने हर class में जातिवार-वर्गवार छात्र-छात्राओं का गोशवारा इसी register में सबसे नीचे लिख लेने से छात्र सांख्यिकी प्रपत्र को तैयार करने में help मिलती है. अगर संबंधित माह में जगह ना बचे तो इसे अगले page पर बना कर लिख सकते हैं.
  8. विद्यार्थियों के उपस्थिति रजिस्टर को अपडेट कैसे करें, इस का तरीका हर स्कूल में थोड़ा अलग-अलग हो सकता है. विद्यार्थियों की हाजिरी भरने के लिए उपस्थिति के कालम में हिंदी में सामान्य रूप से हिंदी में उपस्थित के लिए ‘उ’ तथा अनुपस्थित के लिए ‘अ’ अंकित किया जाता है. कुछ school में अंग्रेजी में present के लिए ‘P’, Absent के लिए ‘A; तथा अवकाश के लिए ‘L’ अंकित करते हैं.
  9. ऐसे बच्चे जो स्कूल की अनुमति से विद्यालय की तरफ से खेलकूद या किसी प्रतियोगिता में गए हों उनकी उपस्थिति को कैसे अंकित करेंगे? स्काउटिंग, sports, NCC में संस्था प्रधान की अनुमति से बाहर गए छात्र-छात्रा की उपस्थिति “D” से अंकित करें इन्हें उपस्थित मानते हुए आगामी दिवस की उपस्थिति अंकित की जाए.
  10. शिक्षक कोई भी भाषा में लिख सकते हैं. हाँ इसमें काटा-पीटी नहीं होना चाहिए. अगर इसमें कोई संशोधन करते हैं तो उसके बाजू में शिक्षक को अपने लघु हस्ताक्षर (signature) करना चाहिए. ऐसा करने का अर्थ यह माना जाता है कि यह संशोधन आपके द्वारा किया गया और हस्ताक्षर से इसे प्रमाणित किया गया है.
  11. छात्र उपस्थिति रजिस्टर मौलिक (original) होना चाहिए. यह किसी अन्य कॉपी में पहले उपस्थिति लेकर बाद में नकल करके पूर्ण किया हुआ नही होना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो यह सही नहीं माना जाता.
  12. छात्र उपस्थिति रजिस्टर में अनावश्यक रूप से कोई कांट-छांट नही होनी चाहिए. यदि भूलवश कोई त्रुटि हो जाये तो उस पर लाल स्याही से रेखा खींचकर लाल स्याही से ही प्रविष्टि करने के पश्चात संस्था प्रधान के लघु हस्ताक्षर करवाने चाहिए। क्लास teacher को भी हर सुधर या संशोधन के पश्चात् अपने signature करना चाहिए.
  13. कुछ शिक्षक student attendance registers पर हाजिरी वाले कालम में बिंदु लगा कर रखते हैं. ऐसा करना ठीक नहीं है. छात्र उपस्थिति रजिस्टर केवल बिंदु लगा हुआ नही रखना चाहिए।
  14. विद्यालय में प्रति दिन दो बैठकें (Meetings) होती हैं- एक मध्यांतर से पूर्व और एक मध्यांतर के पश्चात्. कोई छात्र जो किसी भी पाली या बैठक में अनुपस्थित रहता है तो उसकी उस बैठक में उसकी अनुपस्थिति लगाई जानी चाहिए.
  15. स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को बच्चों की हाजिरी को उनके हाजिरी रजिस्टर में भरा जाता है.
  16. जब किसी दिन कोई अवकाश हो तो स्तम्भों (Co.umn) के मध्य में एक रेखा खींच दी जाती अहि और उस कालम में लाल स्याही से उस अवकाश का विवरण भी लिख दिया जाता है. जैसे- रविवार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, श्रीराम नवमीं इत्यादि.
  17. प्रत्येक दिवस में बच्चों की कुल उपस्थिति एवं छात्रों की संख्या प्रतिदिन प्रविष्ट की जानी चाहिए. इसमें लापरवाही करना सही नहीं है. रजिस्टर में नीचे के स्तम्भो में प्रत्येक माह के लिए माह में कुल उपस्थिति, अनुपस्थिति, कुल अवकाश, शुल्क, दण्ड आदि की प्रविष्टियों संबंधित कालम रहते हैं. हर महीने इन्हें भी पूर्ण करना आवश्यक है. आजकल सरकारी विद्यालयों में 14 साल तक के बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता लेकिन private schoolls के बच्चों से fees ली जाती है. इसकी entry यहाँ कर सकते हैं. यह काम दूसरे माह की 15 तारीख तक पूर्ण हो जाने चाहिए.
  18. प्रत्येक अगले माह के लिए छात्रों के नाम, क्रमांक, प्रवेशांक, कक्षाध्यापक द्वारा गत मास की अंतिम तिथि तक अवश्य लिख लिये जाने चाहिए।
  19. हर महीने के अंत में माह में प्रत्येक student की कुल उपस्थिति को जोड़ कर लिखा जाता है. अधिकांश Student attendance register में इसके लिए स्थान दिया होता है. इसके साथ ही पिछले माह तक total attendance भी लिखी जाए. बाद में उपस्थिति का कुल योग कर के लिखा जाता है. अगले महीने फिर इसी योग को पिछले माह तक की कुल उपस्थिति के कालम में अंकित किया जाता है. जब आप हर महीने का गोशवारा बनाते हैं तो उस पर क्लास टीचर के साथ साथ स्कूल के headmaster के भी signature करवाए जाएँ. यदि यह जानकारियां अपडेट हैं तो छात्र सांख्यिकी प्रपत्र बनाने में बड़ी सरलता होगी.
  20. प्रति मीटिंग उपस्थिति, अनुपस्थिति, अवकाश का योग लगाया जाए . इस प्रकार माह के अंत में कुल उपस्थिति, अनुपस्थिति अवकाश का योग लगाया जाए . प्रति मीटिंग औसत उपस्थिति तथा माह के अंत में छात्रों की वास्तविक संख्या का गोश्वारा निकाल कर जांचकर्ता व संस्था प्रधान के हस्ताक्षर कराए जाकर प्रमाणीकरण कराया जाए . माह के अंत में माह की उपस्थिति का योग गत माह के उपस्थिति पृष्ठ व संबंधित माह की कुल उपस्थिति का योग कर औसत उपस्थिति निकाल कर अंकित की जाए . प्रत्येक माह में छात्र के नाम के साथ प्रवेशांक अवश्य अंकित किया जाए.
  21. जब हर महीने की हाजिरी को जोड़ते हैं तो विद्यालय में ऐसे बच्चे जिनकी उपस्थिति बहुत कम (Low attendance) है उनके पलकों को सूचना पत्र के माध्यम से सूचना दी जाए कि आपके बच्चे की attendance बहुत कम है इसे नियमित रूप से स्कूल भेजें. इसके ही हर महीने होने वाली पलक शिक्षक संघ या शाला प्रबंधन समिति मीटिंग में ऐसे बच्चों का उल्लेख आवश्यक रूप से किया जाए.
  22. शाला स्तर पर पालक संपर्क पंजी या पालक सूचना रजिस्टर संधारित करना चाहिए जिसमें समय समय पर ऐसे बच्चों के अभिभावकों को सूचना देकर उनके हस्ताक्षर करवाए जाएँ. पालकों को अनुपस्थित बच्चों की जो सूचनाएँ समय समय पर भेजी हैं,उनका record शाला में सुरक्षित रखना चाहिए.

आनलाईन कक्षा ग्यारहवीं की उपस्थिति दर्ज करने का एक नमूना इस लिंक पर दिया है कि कैसे गूगल शीट पर इसे online feed कर सकते हैं.

आशा है यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी. इसे अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते हैं.

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